Lalita Vimee

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मेरे चंद अहसास

मशक्कत


ताउम्र इक आशियाना की,
      जद्दोजहद में गुज़र गई
आज बिना किसी मशक्कत के,
    दो गज जमीन मेरी हो गई।।
       विम्मी

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